
धारा 420, 409 एवं 38के तहत अपराध हुआ कायम
मध्यप्रदेश के डिंडौरी जिले का मामला
डिंडौरी(संतोष सिंह राठौर) वैसे तो मध्यप्रदेश के डिंडौरी जिले में भ्रष्ट अधिकारियों की चर्चा आम हो गई है जहां भ्रष्ट अधिकारियों के एक से बढ़कर एक कारनामे देखे जा सकते हैं या तो डिंडौरी में आकर ही अधिकारी भ्रष्ट हो जाते हैं या डिंडौरी भ्रष्ट अधिकारियों का गढ़ बन कर रह गया है आपको बता दें कि डिंडौरी जिले भर के स्कूल कालेज होस्टल एवं कार्यालयों में मेंटिनेंस के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च कर दिए गए पर आज भी अनेक ऐसे विद्यालय हैं जहां नौनिहाल बच्चे खुले आसमान में अपनी किस्मत संवारने विद्या अध्ययन करते देखे जा सकते हैं धन्य है डिंडौरी जिला धन्य है यहां के अधिकारी और उससे बड़े महान हैं यहां के नेता और जन प्रतिनिधि जिनकी कृपा से लगातार डिंडौरी जिला भ्रष्ट जिला होने की नई कीर्ति मान स्थापित कर रहा है जिस जिले में नौनिहाल बच्चों की भविष्य को भी अपनी कमाई के आगे तुच्छ समझा जा रहा हो डिंडौरी जिले की एक नई उपलब्धि के रूप में आदिवासी कल्याण विभाग में हुये छात्रवृत्ति घोटाले में बुधवार को कोतवाली में मामला दर्ज किया गया है। जिसमें तत्कालीन सहायक आयुक्त आदिवासी विभाग अमर सिंह उइके, सप्लायरों और अन्य अज्ञात लोगों के विरुद्ध विभागीय शिकायत के आधार पर पुलिस ने धारा 420,409 और 34 के तहत नामज़द प्राथमिकी दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है।आशंका है कि यह घोटाला 5 करोड़ के आसपास का है।जिसमे आगामी दिनों में आरोपियों की संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है।गौरतलब है कि जनजातीय कार्य विभाग में आदिवासी छात्र-छात्राओं को वितरित होने वाली छात्रवृत्ति में लगभग पांच करोड़ रुपये के घोटाला को वर्ष 2019 से 2021 के बीच में अंजाम दिया गया था।जो 2023 में प्रकाश में आया था।मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रशासन ने जिला स्तरीय और आदिवासी विभाग ने राज्यस्तरीय जांच टीम से मामले की पड़ताल कराई थी और दौनो ही जांच समितियों ने अनिमिताओं की शिकायत को सिद्ध पाया था।जिसके बाद मामला लोकायुक्त कार्यायल पहुंच गया था और लोकायुक्त की फटकार के बाद कलेक्टर विकास मिश्रा के निर्देशन में वर्तमान सहायक आयुक्त संतोष शुक्ला ने बुधवार को कोतवाली में मामला दर्ज करवाया है।
गौरतलब है कि आदिवासी छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति को वितरण न कर उस राशि को कोरोना संकट के दौरान तत्कालीन सहायक आयुक्त अमर सिंह उइके द्वारा निजी खाते जैसे स्वयं के उपयोग में खर्च करने के साथ कार्यालय के ही कई कर्मचारियों और सप्लायरों के नाम से चेक जारी कर बड़ी अनियमितता को अंजाम दिया गया था।उनके तबादले के बाद मामले का खुलासा हुआ।वर्तमान में अमर सिंह उइके सिवनी जिले में पदस्थ हैं। इस मामले पर प्राथमिकी दर्ज कराने में देरी होने से लोकायुक्त ने भी कलेक्टर को फटकार लगाई थी और समन तमील कर व्यक्तिगत रूप से पेश होने के आदेश दिये थे। जिसके बाद आनन फानन में मामला दर्ज कराया गया है।
कोतवाली में दर्ज की गई शिकायत के मुताबिक तत्कालीन सहायक आयुक्त अमर सिंह उईके पिता राम कृपाल सिंह के द्वारा अपने पद स्थापना समय 25 फरवरी2019 से 21जनवरी 2021 तक कीअवधि में अनुसूचित जन जाति (ट्राईबल) राज्य छात्रवृत्ति योजना, अनुसूचित जाति राज्य छात्रवृत्ति योजना, अनुसूचित जाति पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना, अनुसूचित जनजाति छात्रवृत्ति योजना, रेडक्रास एवं गाईड योजन गाईड योजना के कुल मद, क्रीडा मंद, भारत स्काउट गाइड 2 करोड़ 59 लाख 97 हजार 577 रूपये राशि को बिना नियमों का पालन करे, बिना रिकार्ड संधारित कर 07 बैंक खातों के माध्यम से छल पूर्वक विभिन्न व्यक्ति एवं संस्थाओं/दुकानदारों को उक्त मदों से आहरण/भुगतान कर उक्त शासकीय राशि का गबन किया है।शिकायत के आधार पर आरोपी अमर सिह उईक तात्कालीन सहायक आयुक्त,सप्लायरों और अन्य लोगों के विरुद्ध धारा 420,409,34 के तहत अपराध दर्ज कर विवेचन में लिया है।
इनका कहना है
वर्ष 2020-21में हुए छात्रवृत्ति घोटाले के सम्बन्ध में लोकायुक्त ने जांच टीम गठित की गई थी जिसमें जांच सिद्ध होने के उपरांत आज तत्कालीन सहायक आयुक्त आदिवासी विकास अमर सिंह उईके पर एफआईआर दर्ज कराई गई है
संतोष शुक्ला
वर्तमान सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग
डिंडौरी
छात्रवृत्ति घोटाला मामले में आज वर्तमान सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग संतोष शुक्ला ने एफआईआर दर्ज कराई है जिस पर 420,309 एवं 38 धारा के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है
अनुराग जामदार
थाना प्रभारीसिटी कोतवाली डिंडौरी