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रिपेरिंग कार्य में 366000रु. खर्च फिर भी पानी का हो रहा रिसाव

जानकारी के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी मौन

भृष्टाचारियों पर आखिर कब कसेगा सिकंजा?

जनपद पंचायत डिंडौरी अंतर्गत ग्राम पंचायत जुनवानी का मामला

डिंडौरी(संतोष सिंह राठौर )| सरकार के द्वारा जल सरंक्षण एवं संवर्धन के लिए अनेक प्रयास शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में वृहद स्तर में चैकडेम एवं स्टाॅप डेम निर्माण किया जा रहा है। जिम्मेदारों के द्वारा कराए गए चैकडेम एवं स्टाॅप डेम जो वर्षों पुराने होने के कारण जर्जर एवं क्षतिग्रस्त हो गए है। उन जर्जर एवं क्षतिग्रस्त स्टाॅप डेमों के जीर्णोद्धार के लिए प्राक्कलन के आधार पर पुन: लाखो रू आवंटित की गई है,जिससे वर्षों पुराने निर्मित जर्ज़र एवं क्षतिग्रस्त चेकडेमो एवं स्टापडेमो का गुणवत्ता पूर्वक सुधार कार्य कर पानी को रोका जा सके,जिससे आमजनों के लिए दैनिक निस्तार एवं किसानो को खेतों में सिंचाई हेतु पर्याप्त पानी मिल सके। पर जिम्मेदार अधिकारिओं की गैरजिम्मेदाराना रवैया से सरकार के मंशा पर पानी फिरता नजर आ रहा है ये हम नहीं स्टापडेमो के जीर्णोद्धार के लिए लाखों का खर्च कर सरकार के मंशा के विपरीत कार्य करा, स्टापडैम मरम्मतीकरण का कार्य करा तो दिया गया है पर आज भी पानी रिसाव होना और तो और बावजूद इसके उच्चाधिकारियों के द्वारा निर्माण स्थलों की जाॅच कर कार्रवाई करना तो दूर अधिकारी मामले की जानकारी देने से भी परहेज करते है।

कार्रवाई के आभाव में भ्रष्टाचारियों के हौसले बुलंद…

निर्माण कार्यों में लगातार जिम्मेदारों के द्वारा लापरवाही बरती जा रही है जिसकी जानकारी समाचार पत्र एवं सोशल मीडिया के माध्यम से लगातार प्रकाशित भी किए जा रहे है। लेकिन उच्च अधिकारियों के द्वारा गुणवत्ता हीन निर्माण कार्यों की जांच नहीं कराई जा रही है। जिससे भ्रष्टाचारियों के हौसले और भी बुलंद होते जा रहे हैं। इसी का भरपूर फायदा उठाकर निर्माण ऐजेंसी के द्वारा मनमानी पूर्वक कार्य कराया जा रहा है। ऐसा ही मामला जनपद पंचायत डिंडौरी के ग्राम पंचायत जुनवानी का है,जहाॅ पर स्कूल भवन के पीछे सड़क किनारे चैकडेम निर्मित है,जिसकी मरम्मत कार्य के लिए मनरेगा के तहत 366000 रू स्वीकृत है। जिम्मदारों के द्वारा उक्त चैकडेम की मरम्मत कार्य वित्तीय वर्ष 2022 – 23 में कराया गया है,लेकिन चैकडेम के साईडवाल की निचले सिरे में छेद होने से निरंतर पानी का रिसाव जारी है। महत्वपूर्ण बात तो यह है कि चैकडेम की मरम्मत कार्य में लाखों रू खर्च भी कर दिए गए है बावजूद इसके पानी का रिसाव आज भी जारी है। इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिम्मेदारों ने चैकडेम की मरम्मत कार्य कितना गुणवत्ता पूर्वक किया गया है या मरम्मत के नाम से खानापूर्ति कर स्वयं को ही लाभ पहुॅचाया गया है।

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