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दस लाख रू.की लागत से निर्मित पुलिया, निर्माण के चंद महीनों में ही हो गया जर्जर

अपनी दास्तां खुद बंया कर रही , लाखों की लागत से निर्मित पुलिया

 

समनापुर जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत मुकुटपुर का मामला

डिंडौरी (संतोष सिंह राठौर) समनापुर जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत मुकुटपुर में लाखों की लागत से निर्मित पुलिया निर्माण के चंद महीनों में ही जर्जर होने के कारण जनपद पंचायत शिंगणापुर,विकास कार्यों में गड़बड़ी को लेकर एक बार फिर सवालों के घेरे में है। दरअसल जनपद पंचायत समनापुर के ग्राम मुकुटपुर में नरेगा के तहत लगभग 10 लाख रुपए की लागत से पुलिया निर्माण तो करा दिया गया, लेकिन निर्माण में कार्य की गुणवत्ता इतना जबरदस्त रहा कि दस लाख की लागत से निर्मित पुलिया महज चंद महीनों में ही जर्जर होने लगी है।

आखिर क्या है मामला

दरअसल ताजा मामला ग्राम पंचायत मुकुटपुर का है। जहां ग्राम पंचायत के सरपंच संत कुमार मरावी और प्रभारी सचिव वर्तमान रोजगार सहायक अशोक मरावी के द्वारा वित्तीय वर्ष 2024—2025 में मनरेगा योजना के तहत लगभग 10 लाख रू.की लागत से पुलिया का निर्माण अशोक के खेत के पास कराया गया है, जो निर्माण के चंद महीनों में ही जर्जर हो गई है,जिसे वीडियो/फोटो के साथ ही साथ मौके पर भी साफ-साफ देखा जा सकता है पुलिया निर्माण में पाईप से लगभग 01 फिट दूर साइडवॉल बनाया गया है, जिसकी कंक्रीट अभी से निकलने लगी है। साथ ही पाईप के बीच में बोल्डर डाला गया है,जिसे भी स्पष्ट तौर पर देखा जा सकता है। गौरतलब यह है कि गुणवत्ता हीन निर्माण के कारण आने वाले कुछ दिनों में ही पुलिया की पूरी तरह क्षतिग्रस्त को होकर धराशाई होने की संभावना है जिसका परिणाम यह होगा कि,शासन की लाखों रुपए पानी में बह जाएगा।

ज़िम्मेदार अधिकारी अपने दायित्व के प्रति दिख रहे उदासीन

शासन के द्वारा ग्राम पंचायतों में कराये जा रहे निर्माण कार्य शुरू करने से पहले सूचना पटल लगाने के निर्देश दिये गये है,लेकिन यहां पर जिम्मेदार शासन के नियम कायदों को ठेंगा दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे है। बता दें कि ग्राम पंचायत मुकुटपुर के सरपंच—सचिव के द्वारा लाखों रुपए की लागत से पुलिया निर्माण कराया गया है,लेकिन निर्माण के महीनों बीत जाने के बाद भी साईन बोर्ड लगाया जाना उचित नहीं समझा गया है। जिससे ग्रामीणों सहित अन्य लोगों को लागत राशि एवं मद की कोई भी जानकारी नहीं मिल रही है। इससे साफ तौर पर समझा जा सकता है कि जिम्मेदार अधिकारी अपने कार्यों के प्रति कितने उदासीन है।

इनका कहना है

पूर्व में सहायक यंत्री एवं मेरे द्वारा निरीक्षक किया गया था उस समय पुलिया की ऐसी स्थिति नहीं थी, अभी उसमें क्या कुछ किया गया है सहायक यंत्री एवं उपयंत्री से जांच कराई जा रही है उसमें अभी कुछ कार्य भी बाकी है जिसे कराया जाएगा।

         सी पी साकेत
सी ई ओ जनपद पंचायत
‌            समनापुर

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