Dindori

दूसरी पत्नी के साथ पति पर अपने विवाहिता पत्नी को मारने के लगाए आरोप

पूरे शरीर पर पर चोट के निशान बेहोशी की हालात में पहुंचाई जिला चिकित्सालय

सिटी कोतवाली अंतर्गत ग्राम सिमरिया का मामला

डिंडौरी (संतोष सिंह राठौर) वैसे तो महिला उत्पीड़न के मामले आए दिन सामने आते ही रहते हैं पर अधिकतर यह देखा जाता है कि किसी महिला के द्वारा फर्जी शिकायत कर दिया जाता है तो पुलिस प्रशासन द्वारा मामले पर तुरंत एक्शन लेते हुए संबंधित व्यक्ति पर बिना मामले को संज्ञान में लिए ही अनर्गल धारा लगाते हुई कार्यवाही कर दिया जाता है पर जब प्रत्यक्ष रूप से पीड़ित महिला या उसके परिजनों के द्वारा किसी मामले को लेकर शिकायत किया जाता है तो वहीं पुलिस मामले को बिना संज्ञान लिए ही हल्के -फुल्के धारा लगाकर मामला दर्ज कर लेती है ऐसा ही मामला हाल ही में ग्राम सिमरिया का सामने आया है जब पीड़ित महिला ननकी बाई राठौर के भाई गणेश सिंह ठाकुर पिता भानु सिंह ठाकुर के द्वारा विगत दिनों सिटी कोतवाली जाकर पीड़ित महिला के पति केहर सिंह एवं उसकी दूसरी पत्नी सुनैना बाई पर आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई है जिसमें उल्लेख किया गया है कि उसकी बहन ननकी बाई की शादी लगभग 15 वर्ष पूर्व ग्राम सिमरिया निवासी केहर सिंह पिता नर्मदा प्रसाद से हो गई थी जिससे 2 पुत्र भी हैं पर कुछ वर्ष पहले केहर सिंह ने अपने पड़ोस के ही एक महिला को रख लिया जिस से वह केहर सिंह की दूसरी पत्नी कहलाई जिसके बाद से केहर सिंह की विवाहित पत्नी के साथ नहीं बन पा रहा है जिससे दोनों पति-पत्नी के बीच कई बार मारपीट की बात सामने आ चुकी है गणेश ठाकुर के द्वारा जानकारी में बताया गया है कि विगत दिन रविवार को सुबह लगभग 7:00 बजे केहर एवं उसकी दूसरी पत्नी सुनेना बाई के द्वारा ननकी बाई जो कि केहर सिंह की विवाहित पत्नी है जो वर्तमान में एक दूसरे रूम में अकेली निवासरत है उसी कमरे में घुसकर कुछ इस तरह मारा गया कि वह वहां से भागने मजबूर हो गई और गांव के बीच आते -आते उसके पति के द्वारा पुनः लोहे की रॉड से हमला कर दिया गया जिससे वह वहीं बेहोश हो गई जिसे बेहोशी की हालत में 108 की मदद से जिला चिकित्सालय लाया गया जहां उसका इलाज जारी है पीड़िता की परिजनों ने पुलिस प्रशासन से निष्पक्ष जांच करते हुए उचित कार्रवाई की जाने की मांग की है

इनका कहना है

मेरी बहन से मेरे जीजा एवं उसकी दूसरी पत्नी के द्वारा बहुत ही मारपीट की गई है जिससे मेरी बहन गांव में बेहोशी की हालत में मिली जिसे 108 की मदद से इलाज कराने जिला चिकित्सालय लाया गया जब मै, मेरे बड़े पिताजी के साथ रिपोर्ट दर्ज कराने सिटी कोतवाली गए तो वहां पर ड्यूटी में तैनात आरक्षक के द्वारा मेरे शिकायत को अनसुना करते हुए अपने हिसाब से हल्के -फुल्के धारा के साथ मामले को दर्ज कर लिया गया है जिससे मैं संतुष्ट नहीं हूं जबकि मेरी बहन बेहोशी की हालात में जिला चिकित्सालय में एडमिट है जिसके पूरे शरीर में चोट के निशान देखे जा सकते हैं मैं पुलिस प्रशासन की उच्चाधिकारियों से निष्पक्ष जांच कराए जाने की मांग करता हूं ताकि आगे इस तरह के अपराध ना हो

 

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