Dindori

महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी निकली शिवजी की बारात….

— नगर परिषद अध्यक्ष सुनीता सारस के द्वारा महाशिवरात्रि के पर्व पर नगर में निकाला गई भव्य शिवजी की बारात….

– सुबह से शुभ मुहूर्त में श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी…

डिंडौरी:- प्रति वर्षानुसार इस वर्ष भी जिले में लोक आस्था एवं श्रद्धा का पर्व महाशिवरात्रि श्रद्धालुओं ने हर्षोल्लास के साथ मनाया गया हैं। प्रातः काल से माॅ नर्मदा घाटों सहित अन्य पवित्र ऐतेहासिक नदियों के तटों पर दूर दूर से भारी संख्या में श्रद्धालु पहुँचे। श्रध्दालुओं ने स्नान कर महादेव की उपासना करते हुए सुख समृद्धि की कामना की है। महाषिवरात्रि की पावन बेला में नर्मदा तटों पर श्रध्दालुओं द्वारा स्नान, दान व ध्यान का सिलसिला सुबह से लेकर देर शाम तक चलता रहा है।

नगर परिषद अध्यक्ष सुनीता सारस के द्वारा नगर में निकाली गई शिवजी की बारात…

नगर परिषद अध्यक्ष सुनीता सारस के द्वारा महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर भगवान शिवजी का भव्य बारात निकाली गई। शिवजी का बारात मंडल स्टैंड से आरंभ कर नगर का भ्रमण करते हुए पुरानी डिंडौरी से होते हुए नर्मदा तट शंकर घाट तक गया। जहां शिव भक्तों के द्वारा बैंड बाजे और डीजे की धुन पर जमकर नाचते हुए नजर आए। भगवान शिव की बारात में नगर परिषद अध्यक्ष सुनीता सपरिवार नजर आई साथ ही नगर के सभी लोग भगवान की बारात का आनंद ले पुण्य लाभ लिया।

दार्षनिक स्थानों में उमड़ी भक्तों की भीड़…..

महाषिवरात्रि पर्व पर हजारों श्रध्दालुओं ने स्वयं पुण्य कमाने के लिए रामघाट के नर्मदा जी पर डुबकी लगाई एवं पूजा अर्चना की गई है। रामघाट, डेम घाट, इमली कुटी,षंकर घाट,जोगी टिकरिया,कुकर्रामठ ,हल्दीकरेली, नेवसा फाॅल समेत जिले के अन्य हिस्सों में स्थित ऐतिहासिक धार्मिक एवं दार्षनिक स्थानों में लोग जाकर जमकर लुत्फ उठाए। वहीं जिला मुख्यालय से महज 8 किलोमीटर दूर लक्ष्मण मंडवा रामघाट एवं जोगीटिकरिया में भी हजारों की संख्या में भक्तों ने आस्था की डुबकी लगाइ्र्र एवं षिवालयों की पूजा अर्चना की गई।

ऋणमुक्तेश्वर मंदिर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़…..

ऋण मुक्तेश्वर मंदिर जिला मुख्यालय से 17 किलोमीटर दूर कुकर्रामठ गाँव में स्थित है। यह मंदिर भगवान् शिव को समर्पित है। कहा जाता है कि इस मंदिर में पूजा-पाठ और दर्शन से पितृ-ऋण ,देव-ऋण और गुरु-ऋण से मुक्ति मिलती है। आस-पास के लोग और अधिकांश नर्मदा परिक्रमा वासी मंदिर के दर्शन करने आते हैं। इस मंदिर का निर्माण 10 वी 11 वी ईस्वी के आसपास माना जाता है। एक मान्यतानुसार यह मंदिर कल्चुरी कालीन है , यहां 6 मंदिरों का समूह था, लेकिन मौसम और समय के प्रतिकूल प्रभावों से सभी खंडहर हो गये। मंदिर एक विशाल चबूतरे पर बना है। मंदिर के गर्भ गृह में विशाल शिव-लिंग विराजमान है। मंदिर के मुख्य द्वार के सामने नंदी की प्रतिमा है। मंदिर में तीनों ओर प्रकोष्ठ बने है। मंदिर की दीवारों पर मूर्तियाँ बनी हैं । मंदिर प्राचीन काल का होने के कारण अधिकांश मूर्तियों का छरण भी हो गया है। ग्रामवासी मंदिर में आकर पूजापाठ करते हैं।

जगह – जगह रहा पुलिस बल तैनात…..

महाषिवरात्रि के इस महापर्व पर हजारों की संख्या में श्रध्दालुगण नर्मदा स्नान करने पंहुचे थे, इसी को देखते हुए जिला प्रषासन द्वारा जगह – जगह पुलिस बल तैनात किया गया था,जिससे किसी प्रकार की अप्रिय स्थिति न हो सके।

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