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महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर ऋण मुक्तेश्वर मंदिर कुकर्रामठ में लगी श्रद्धालुओं की भीड़

संतोष सिंह राठौर (संपादक )राष्ट्र की बुलंद आवाज़

 

भगवान शिव का जलाभिषेक करने लगी लगभग 100 मीटर की लंबी कतार

महाशिवरात्रि का पर्व जिले में बड़ी धूमधाम से मनाया गया जिले भर के शिवालयों में भगवान शिव का जलाभिषेक करने हजारों की संख्या में श्रद्धालु नजर आए बड़े ही विधि विधान के साथ भगवान शिव का जलाभिषेक कर पूजन किया गया शिव भक्तों ने कहीं जल अभिषेक किया तो कहीं दूध से, भगवान शिव की पूजन के अनेक विधि बताए गए हैं जिसकी जैसी मन्नत वैसा ही चढ़ावा भगवान भोलेनाथ को चढ़ाकर आराधना किया गया इस विषय में कहा जाता है कि अगर किसी को अच्छी संतति की चाह है तो वह गेहूं की बाली चढ़ाते हैं और जिसे अच्छी स्वास्थ्य की कामना है तो वो शहद चढ़ाते हैं इसी तरह भस्म से अभिषेक दही चढ़ाना चावल चढ़ाना धतूरा का फूल चढ़ाना बेलपत्र चढ़ाना आदि विधि से भगवान शिव की पूजा करने से मन्नत पूरा हो जाता है कहा जाता है कि महाशिवरात्रि को भगवान शिव एवं माता पार्वती की शादी हुई थी इसलिए महाशिवरात्रि को रात्रि जागरण का विशेष महत्व बताया गया है महाशिवरात्रि सनातन धर्म का महत्वपूर्ण धार्मिक पर्व है इस पर यह भी कहा जाता है कि समुद्र मंथन के समय जब विष निकला था और उस विष के प्रभाव से ब्रह्मांड भर में हाहाकार मच गया था तब भगवान शिव ने उसको पान कर लिया था और जब उस विष के प्रभाव से भगवान शिव का चित्र टूट रहा था तब वैद्य के द्वारा देवताओं को रात्रि जागरण कर भगवान शिव का ध्यान रखने की बात कही गई थी तब देवताओं ने भी भगवान शिव का रात्रि भर जागरण कर ध्यान रखा था जब भगवान भोलेनाथ की समाधी टूटी तब उन्हें देवताओं को देख प्रसन्न हुई और देवताओं को आशीर्वाद प्रदान किया तब से महाशिवरात्रि जागरण का विशेष महत्व बताया गया है बताया जाता है कि महाशिवरात्रि में रात्रि जागरण करने से भगवान शिव अत्यधिक प्रसन्न होते हैं

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