
डिंडौरी(संतोष सिंह राठौर)-: डिंडौरी जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ जन समुदाय लड़ने में रुचि नहीं ले रहे फिर चाहे शासन की योजना उनको प्राप्त हो या ना हो जिसका परिणाम यह होता है कि शासन की महत्वपूर्ण योजना धरातल में शून्य होता है जबकि रिकॉर्ड में आसमान की बुलंदियों पर होता है जिसका मुख्य कारण जिले भर के उच्च पदों में बैठे अधिकारी ही होते हैं जिनको शासन की योजना सफलतापूर्वक संचालित कराए जाने की जिम्मेदारी होती है पर अधिकांशतः देखने में यह आता है कि उच्च अधिकारियों के द्वारा मैदानी स्तर पर बैठे अधिकारियों को शासन की योजना संचालित करने तो निर्देश किए जाते हैं पर समय-समय पर उन योजनाओं के बारे में मैदानी स्तर पर निरीक्षण कर सत्यता की जानकारी ही नहीं ली जाती है उनको तो बस निचले स्तर पर बैठे अधिकारियों के द्वारा दिखाए गए रिकॉर्ड से ही मतलब होता है फिर चाहे मैदानी स्तर के अधिकारी बिना कार्य कराए ही शासन की राशि का दुरुपयोग क्यों न कर दें उनको तो बस रिकॉर्ड चाहिए और जब किसी जागरूक ग्रामीण या नागरिक के द्वारा उक्त मामले को शिकायत पत्र के माध्यम से संज्ञान में लाया जाता है तो उच्च अधिकारियों के द्वारा जांच कराए जाने जांच टीम गठित तो कर दी जाती है पर जांच टीम के समय सीमा का ध्यान नहीं रखा जाता है जिसका परिणाम यह होता है कि मैदानी स्तर के कर्मचारी अपने मर्जी अनुसार कार्य करते रहते हैं और उनको उच्च अधिकारियों का भी कोई भय नहीं होता है ऐसा ही मामला हाल ही में ग्राम पंचायत मडियारास का सामने आया है, जहां के ग्रामीणों के द्वारा 07.01.2025 को ग्राम पंचायत मडियारास में व्याप्त भ्रष्टाचार की जांच कराए जाने 8 बिंदुओं पर शिकायत पत्र देते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी जिसको संज्ञान में लेते हुए जिला पंचायत सीईओ के द्वारा 22/01/ 2025 को जिला स्तरीय तीन सदस्यीय जांच टीम गठित करते हुए सात दिवस के अंदर जांच प्रतिवेदन जिला पंचायत कार्यालय में प्रस्तुत किए जाने आदेशित किए गए थे पर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने की समय सीमा बीतने के बाद जांच टीम 03/02/2025 को ग्राम पंचायत मडियारास में व्याप्त भ्रष्टाचार की जांच करने पहुंची तो पर आज 15 दिन बीत जाने के बाद भी जांच टीम के जांचाधिकारियों के जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जाना उचित नहीं समझा गया। जिससे ग्रामीणों के द्वारा जांच किए जाने पर सवाल खड़े करते हुए पुन:जनसुनवाई में शिकायत की है की जांच प्रतिवेदन जल्द से जल्द जमा कराए जाएं अब सवाल यह उठता है कि जब लगातार जांच टीम के द्वारा सीईओ जिला पंचायत के आदेश की अवहेलना की जाती है तो वो आम जनों का कितना सुनते होंगे यही कारण है कि जन समुदाय भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने से डरते हैं क्योंकि मैदानी अमले का कुछ तो नहीं होना है बस उनसे दुश्मनी जरूर हो जाती है ।
आखिर क्यों हो रहा जांच प्रतिवेदन में देरी
ग्राम पंचायत मडियारास के ग्रामीणों का कहना है कि एक तो जांच में देरी हुई और जब जांच हो भी गई तो जांच टीम के द्वारा जांच प्रतिवेदन जमा करने में इतनी देरी क्यों हो रही है जबकि ग्राम पंचायत के पदाधिकारी एवं ग्रामीणों के समक्ष जांच टीम के द्वारा बिंदुवार 8 बिंदुओं पर सूक्ष्मता से जांच की गई और शिकायत पत्र में दर्शाए गए सभी बिंदु, मौके पर सही पाए गए।
कहीं जांच अधिकारी सांठ-गांठ के चक्कर में तो नहीं
वही ग्राम पंचायत मडियारास के ग्रामीणों ने जांच में हुई देरी और उससे भी अधिक जांच प्रतिवेदन में हो रही देरी से अटकलें भी लगाने शुरू कर दिए हैं, कि कहीं जांच अधिकारी सांठ-गांठ के चक्कर में तो नहीं है
ग्राम पंचायत मडियारास के ग्रामीणों ने निष्पक्ष जांच करते हुए कार्यवाही किए जाने की मांग की है ताकि भ्रष्टाचार पर अंकुश लग सके।