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चांदरानी रोजगार सहायक पर कूटरचित तरीके से फर्जी दस्तावेज पर नौकरी किए जाने लग रहे आरोप

राधेश्याम राजपूत एवं मनोज चंदेल की दोनों सेमेस्टर का अंक एवं योग एक समान

एक ही यूनिवर्सिटी के डिप्लोमा में रोल नंबर लिखने का तरीका अलग-अलग

जनपद पंचायत समनापुर अंतर्गत ग्राम पंचायत चांदरानी का मामला

डिंडौरी (संतोष सिंह राठौर) वैसे तो शासन को चुनौती देकर अनेक कर्मचारी फर्जी दस्तावेज के जरिए शासकीय कर्मचारी हैं पर उनके बारे में जानकारी उपलब्ध नहीं हो पाती है और अगर किसी कर्मचारी की फर्जी मार्कशीट एवं दस्तावेज की जानकारी हो भी जाती है तो उन पर कोई कार्यवाही ना करते हुए छोड़ दिया जाता है, यही कारण है कि डिंडौरी जिले में फर्जी दस्तावेज एवं फर्जी मार्कशीट पर नौकरी किए जाने के मामले आए दिन सामने आते ही रहते हैं ऐसा ही मामला हाल ही में ग्राम पंचायत चांदरानी का सामने आया है जब राम किशोर राजपूत ग्राम पंचायत चांदरानी के द्वारा विगत दिनों जनसुनवाई के माध्यम से रोजगार सहायक राधेश्याम राजपूत पर कूटरचित तरीके से फर्जी दस्तावेज के जरिए नौकरी करने की लिखित शिकायत की गई। लिखित शिकायत में उल्लेख किया गया है ,कि शासन के द्वारा वर्ष 2010 में रोजगार सहायकों की भर्ती किया गया था जिसमें कम्प्यूटर डिप्लोमा का 20 अंक देना था जिस पर वर्तमान रोजगार सहायक राधेश्याम राजपूत के द्वारा द ग्लोबल यूनिवर्सिटी नागालैंड की कूटरचित तरीके से कम्प्यूटर डिप्लोमा देकर चयन समिति को गुमराह किया गया था और जब रामकिशोर को यह पता चला कि राधेश्याम राजपूत ने कंप्यूटर की पढ़ाई किया ही नहीं है और उसके पास कोई डिप्लोमा ही नहीं था ,तब रामकिशोर राजपूत के द्वारा जिला पंचायत डिंडौरी में आर टी आई के माध्यम से जानकारी चाही गई थी तब राधेश्याम राजपूत एवं मनोज चंदेल का कंप्यूटर डिप्लोमा की छायाप्रति मिला, जिस पर स्पष्ट तौर पर देखा जा सकता है कि मनोज कुमार चंदेल के दोनों सेमेस्टर के डिप्लोमा में रोल नंबर पूरा लिखा है एवं साफ सुथरा प्रमाण पत्र है जबकि राधेश्याम राजपूत के दोनों सेमेस्टर में रोल नंबर पूरा नहीं लिखा है और प्रमाण पत्र भी स्पष्ट साफ नहीं है साथ ही मनोज कुमार चंदेल के दोनों सेमेस्टर की हूबहू कॉपी है इससे स्पष्ट तौर पर समझा जा सकता है कि जब एक ही यूनिवर्सिटी का प्रमाण पत्र है तो सभी प्रमाण पत्र एक जैसे एवं प्रत्येक अभ्यर्थी का अंक कुछ ना कुछ अंतर तो होना चाहिए पर मनोज चंदेल एवं राधेश्याम राजपूत का दोनों सेमेस्टर का अंक एवं योग एक समान है साथ ही दोनों ही प्रमाण पत्र में रोल नंबर लिखने का तरीका अलग-अलग है।

इनका कहना है

वर्तमान रोजगार सहायक राधेश्याम राजपूत के द्वारा कूटरचित तरीके से कंप्यूटर डिप्लोमा का फर्जी तौर पर छाया प्रति देकर चयन समिति को गुमराह किया गया था और जब मुझे पता चला की राधे श्याम राजपूत कंप्यूटर की शिक्षा लिया ही नहीं है और उसके पास कोई डिप्लोमा भी नहीं है तब मेरे द्वारा जिला पंचायत में आरटीआई लगाया गया था जिससे मनोज चंदेल एवं राधे श्याम राजपूत का कंप्यूटर डिप्लोमा की कॉपी प्राप्त हुई जिसमें स्पष्ट तौर पर गड़बड़ी की आशंका दिखाई दिया जिसके शिकायत मेरे द्वारा जनसुनवाई के माध्यम से किया गया है मैं शासन प्रशासन से उक्त मामले पर सूक्ष्मता से जांच करते हुए मामले की जांच करने का निवेदन करता हूं और जांच सिद्ध पाए जाने पर वर्तमान रोजगार सहायक को पद से पृथक करने की कार्रवाई किए जाने का आशा करता हूं ।

रामकिशोर राजपूत
निवासी ग्राम पंचायत चांदरानी

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