
डिंडौरी जिला मुख्यालय का मामला
डिंडौरी (संतोष सिंह राठौर)डिंडौरी जिला मुख्यालय में लगातार भेदभावपूर्ण रवैया अपनाए जाने के मामले आए दिन सामने आते ही रहते हैं फिर चाहे किसी योजना के लाभ दिए जाने के मामले की बात हो, शासन की जमीन पर अवैध कब्जा किए जाने की बात हो या फिर किसी भी गरीब की जमीन को जबरन मनमाने तरीके से अधिग्रहण किए जाने की बात हो, जिला प्रशासन को इन सबसे कोई लेना देना ही नहीं रहता है कि आखिर जिले में रहने वाली जनता इन मामलों पर क्या प्रक्रिया देती है, उनको तो बस अपना ही तुगलकी फरमान चलना है ,ऐसा ही मामला हाल ही में हुए अतिक्रमण हटाओ अभियान में देखने में आया है, जिसमें देखा गया कि विगत कई वर्षों से दुकान, होटल ,भोजनालय, पान ठेला लगा ,गांव एवं नगर के व्यक्ति अपना पारिवारिक भरण पोषण कर रहे थे पर विगत दिनों हुए अतिक्रमण से उनकी रोजी-रोटी पर गाज ही गिर गया, अब उनकी रोजी-रोटी पर संकट के बादल छा गए कि आखिर उनकी पारिवारिक भरण पोषण कैसे हो वही जब कुछ होटल संचालक एवं पान दुकान चलाने वालों से बात की गई जिनकी दुकान को ध्वस्त तो कर ही दिया गया पर हद तो तब हो गई जब उनको सामान भी नहीं निकलने दिया गया आखिर वे लोग दुकानों से समान एवं काउंटर को क्यों नहीं हटाए तब उनके द्वारा स्पष्ट तौर पर यह कहा गया कि अतिक्रमण किए जाने के दौरान नगर पंचायत के द्वारा रोड से नाप कर अतिक्रमण हटाए जाने लाइन खींची गई थी जिस लाइन के अंदर ही उनकी दुकान संचालित हो रही थी जिस कारण उनके द्वारा दुकान मौके से नहीं हटाई गई और अचानक जेसीबी मशीन के द्वारा उनके दुकानों को तोड़फोड़ करने का आदेश जारी कर दिया गया जिससे उनको दुकान से सामान निकालने का भी समय नहीं मिला, वही जब इस बात पर दुकानदारों से जानकारी चाही गई कि आपके द्वारा काउंटर से सामान निकालने समय नहीं मांगा गया क्या तब उनके द्वारा यह बतलाया गया कि उनके द्वारा अतिक्रमण करने आए अधिकारियों से हाथ जोड़कर मिन्नते की गई कि उनका सामान निकालने का तो समय दिया जाए पर उनकी अतिक्रमण करने आये अधिकारियों के द्वारा एक नहीं सुनी गई और सामान रखे हुए काउंटरों को जेसीबी मशीन से तोड़ दिया गया जिससे उनके एवं उनके पारिवारिक भरण पोषण में संकट के बादल छा गए ।इसी तरह जिला मुख्यालय के वार्ड क्रमांक 1 सुब्खार में भी कई वर्षों से संचालित पांडे भोजनालय का मामला भी सामने आया है जहां पर भी अतिक्रमण हटाने आए अधिकारियों के द्वारा उनके भोजनालय को पूर्णता ध्वस्त कर दिया गया जिससे उनके एवं उनके पारिवारिक भरण पोषण में संकट खड़ी हो गई और तो और उनकी रहने का भी कोई ठिकाना नहीं है वही जिला मुख्यालय के पैसे वाले रसूखदारों एवं राजनेताओं के अतिक्रमण क्यों बने हुए हैं आखिर रसूखदारों के आगे प्रशासन नतमस्तक क्यों इसी तरह एक और मामला लगातार सामने लाए जाने के बावजूद भी जिला प्रशासन के द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई वह मामला है अवैध तरीके से चार मंजिला इमारत खड़ी करने की जिस पर अब तक जिला प्रशासन मौन क्यों?