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अमृत सरोवर योजना अंतर्गत 74 लाख रू.की लागत से बना तालाब शोपीस हो रहा साबित

इस वर्ष कम वर्षा के कारण गर्मी से पहले सूखा तालाब -अमित ननोटे

जनपद पंचायत अमरपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत बहेरा का मामला

डिंडौरी (संतोष सिंह राठौर) ग्रामीण क्षेत्रों में जल संकट से निपटने और भूजल स्तर को बढ़ाने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा अमृत सरोवर योजना की शुरूआत की गई। योजना के तहत जिले में अमृत सरोवर तालाब भी बनाए गए, लेकिन आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में गर्मी के दस्तक हुई नहीं की जल संकट की आहट आने लगी है अधिकांशतः जिलेभर के कई अमृत सरोवरों में बूंद भर पानी नहीं है, लाखों की लागत से बने सरोवरों में धूल उड़ रही है। न तो ये सरोवर क्षेत्र का जल स्तर बढ़ाने में कामयाब हुए और न ही जल संग्रहण के काम आ सकें।

जिले के ग्रामीण अंचलों में योजना के तहत बनाए गए अमृत सरोवरों पर करोड़ों रूपये की राशि खर्च तो कर दी गई पर, अधिकांश सरोवर पूर्ण हो चुके हैं, तो वहीं कुछ सरोवर आज भी अपूर्ण हैं,लेकिन यह तालाब खाली पड़े हुए हैं, इनके बनने के बाद भी ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को इस गर्मी में लाभ नहीं मिल पा रहा है। यदि इन तालाबों में पानी होता तो क्षेत्र का जल स्तर बढ़ता और गर्मी के दिनों में पशु पक्षियों के लिए पानी मिलता, लेकिन यह योजना मूल उददेश्य की पूर्ति नहीं कर सकीं।
ऐसा ही मामला अमरपुर जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत बहेरा का सामने आया है जहां ग्रामीण यांत्रिकी सेवा डिंडौरी के अमृत सरोवर योजनांतर्गत 74.57 लाख रू.की लागत से नवीन तालाब का निर्माण तो करा दिया गया पर, उपयंत्री अमित ननोटे और सहायक यंत्री के.पी.दुबे के द्वारा ठेकेदार से मिलीभगत कर तालाब निर्माण में घोटाला करते हुए स्वंय को आर्थिक लाभ पहुंचाने के चक्कर में गुणवत्ताहीन तालाब का निर्माण कराया गया।

जिसकी वजह से लाखों रू. खर्च के बावजूद तालाब पूरी तरह सूख चुकी है। तालाब में अब धूल उड़ रही है। कार्यस्थल मुरमी पहाड़ी तो है ही साथ ही पानी का कोई जीवित जल स्त्रोत भी नहीं है इसके चलते भविष्य में भी अनुपयोगी ही साबित होगी। क्योंकि बारिश के दिनों में तालाब के नींव से लगातार तेजी से पानी रिसाव हो रहा था जिसकी वजह से तालाब गर्मी से पहले सूख गया। वहीं जब संबंधित उपयंत्री अमित ननोटे से उक्त तालाब के विषय में जानकारी चाही गई तो उपयंत्री साहब ने जानकारी में बतलाया कि कम वर्षा के कारण तालाब गर्मी से पहले सूख गया, जबकि देखा जाए तो इस वर्ष तीन दिनों की लगातार बारिश से जिले के सभी नदी- नाले उफान में रहे और मां नर्मदा का जल स्तर ने कई वर्षो का रिकार्ड तोड दिया है, लेकिन उपयंत्री अमित ननोटे अमृत सरोवर तालाब निर्माण में किए गए गडबडी और भ्रष्टाचार को छुपाने कम वर्षा का हवला दे रहे हैं। वहीं स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा बताया गया कि पटल निर्माण के दौरान ठेकेदार के द्वारा मनमानी पूर्वक गुणवत्ताहीन कार्य कराया गया जिसकी निर्माण के दौरान ग्रामीणों के द्वारा विरोध भी किया गया था लेकिन उपयंत्री और सहायक यंत्री के मिलीभगत के चलते पटल का निर्माण मापदंड के अनुरूप नहीं कराया गया, जिसकी वजह से बारिश के पानी में लबालब भरने के बावजूद लाखों रू. की लागत से बना अमृत सरोवर तालाब गर्मी की दस्तक तो दूर ठंडी में के नवम्बर महीने में ही सूख गया।

बारिश के पानी में लबालब भरने के बावजूद सूख गया अमृत सरोवर तालाब

स्थानीय ग्रामीणों ने जानकारी में बताया कि बारिश के पानी में तालाब लबालब भरा हुआ था लेकिन तालाब के नींव से लगातार तेजी से पानी का रिसाव होने की वजह से तालाब का पानी गर्मी से पहले सूख गया। वहीं तालाब में बनाए गए पिचिंग में भी अनुपयोगी छोटे-छोटे रोड़ी पत्थर का उपयोग किया गया था। जिसे देख कर अंदाजा लगाया जा सकता है की किस कदर उपयंत्री और सहायक यंत्री के मिलीभगत से भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया है। वही चहेते ठेकेदार को फायदा पहुंचाने के लिए उपयंत्री अमित ननोटे और सहायक यंत्री किसी भी स्तर पर अनियमितता करने को तैयार नजर आए।

जिले में अमृत सरोवर के तहत हुए कार्य 

बता दे कि जिले में सातों जनपद पंचायत में अमृत सरोवर योजना के तहत लगभग 101 तालाब, वाटर सेट और परकुलेसन टैंक स्वीकृत हुए, जिनके निर्माण में लगभग 4332.68 करोड़ रूपये की राशि खर्च कर निर्माण कराया गया है। गौरतलब यह है कि जिले में गर्मी के दिनों में पानी की बहुतबड़ी समस्या बनी रहती है, इसलिए यहां योजना के तहत अत्याधिक तालाब तो बना दिए गए लेकिन करोड़ों रुपए खर्च के बावजूद उसका लाभ आम आदमी को नहीं मिला पा रहा है।

उपयंत्री अमित ननोटे और सहायक यंत्री के इशारो पर हुआ भ्रष्टाचार का खेल

जल संरक्षण के लिए चलाई जा रही सरकार की महत्वाकांक्षी अमृत सरोवर योजना विभागीय उदासीनता के चलते भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है, ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के द्वारा जनपद पंचायत अमरपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत बहेरा में 74.57 लाख रुपए की लागत से एक ऐसा सरोवर तैयार किया गया है, जिसमें बरसात के सीजन में हुई भारी बारिश के बाद भी बूंद भर पानी नज़र नहीं आ रहा है । अब ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि आम जनता के लिए लाखों रूपए को पानी की तरह खर्च कर दिया गया ताकि पानी की संकट से को नियंत्रित किया जा सके पर दिखने में यह आ रहा है कि वहीं उपयंत्री के इशारों पर ठेकेदार के द्वरा उक्त निर्माण स्थल के आस-पास के छोटे-छोटे पत्थरों का उपयोग कर पिचिंग में धांधली की गई है। जबकि प्रावधान में पत्थरों की साइज लम्बाई व चौड़ाई के अनुरूप लगाया जाना चाहिए था जिसका परिणाम यह हुआ कि सरोवर में ठंडी तक भी पानी का ठराव नहीं हो सका।

जानकारी के बाद भी ज़िम्मेदार अधिकारी खामोश क्यों?

जिस तरह जिले में अमृत सरोवर योजना के तहत कराये गए तालाब निर्माण कार्य में लगातार अनिमित्ताएं सामने आ रहीं है। इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि संबंधित उपयंत्री, सहायक यंत्री के द्वारा उक्त तालाब का गुणवत्तापूर्ण निर्माण नहीं कराया गया। जिला प्रशासन को चुनौती देते हुये अमरपुर जनपद क्षेत्र के ग्राम पंचायत बहेरा में अमृत सरोवर तालाब का गुणवत्ताहीन निर्माण कराया गया जो गर्मी से पहले सूख गए है। आखिर उपर बैठे उच्चाधिकारी निर्माण कार्यों में हो रहे भ्रष्टाचार को रोक क्यों नहीं पा रहे हैं। यह भी एक बडा सवाल है कि कहीं उच्चाधिकारियों की भी इसमें सहमती तो नहीं,शायद इसी वजह से उच्चधिकारी मौन है। जबकि उपयंत्री एवं सहायक यंत्री को निर्माण कार्य की लगातार निरीक्षण करते हुए गुणवत्तापूर्ण कार्य करने के निर्देश दिए गए है। किंतु मापदंड को दरकिनार करते हुए स्वयं को आर्थिक लाभ पहुंचने के चलते गुणवत्ताविहीन निर्माण कराया जाना स्पष्ट तौर पर प्रदर्शित होता है। जिसे देखकर लगता है कि जिम्मेदारों के द्वारा भ्रष्टाचार का गबन करने की आजादी दे दी गई है। शायद इसी वजह से उच्चधिकारी मौन रहते हैं,

इनका कहना है “

उक्त निर्माण कार्य की जानकारी आपके माध्यम से मिली है तालाब में हुई अनिमितता की टीम गठित कर जांच की जाएंगी।

विमलेश सिंह,जिला पंचायत सीईओ डिंडौरी।

उक्त तालाब का मामला आपके माध्यम संज्ञान में आया है तालाब के निर्माण में जो भी गड़बड़ी हुई है उसमें सुधार की जाएगी।

राजेंद्र सिंह धुर्वे, कार्यपालन अधिकारी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा डिंडौरी

उक्त निर्माण कार्य के संबंध में संबंधित उपयंत्री, सहायक यंत्री और निर्माण एजेंसी से बात करता हूं, जो भी गड़बड़ी हुई होगी जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।

रामजीवन वर्मा, सीईओ जनपद पंचायत अमरपुर जिला डिंडौरी।

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