निर्माण कार्यस्थल से लाखों रू. की सामग्री हुई चोरी अब तक नहीं कराया गया एफ आई आर
वेस्टवियर का निर्माण अब तक नहीं हुआ पूर्ण , तालाब से पानी का हो रहा रिसाव

जनपद पंचायत डिंडौरी अंर्तगत ग्राम पंचायत देवरा का मामला
डिडौरी(संतोष सिंह राठौर)जिले के जनपद पंचायत डिंडौरी अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायतों में उपयंत्री एवं ठेकेदार के द्वारा मिली भगत कर निर्माण कार्यों में गड़बड़ी कर भ्रष्टाचार करने के मामले लगातार सामने आते ही रहते हैं। बावजूद इसके विभागीय उच्च अधिकारियों के द्वारा इन निर्माण कार्यों में की गई अनियमितता को रोकने हेतु कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे है। जिसका परिणाम यह होता है कि ग्राम पंचायतों में लाखों की लागत से कराए जा रहे निर्माण कार्य भृष्टाचार की भेंट चढ़ते नजर आ रहे है।
दरअसल ग्राम पंचायतों में विगत कुछ महीने पहले अमृत सरोवर योजना के तहत जगह – जगह लाखों रू. की लागत से तालाब का निर्माण कराए गए हैं ताकि कि गर्मी के समय में उस क्षेत्र की भूमि के जल स्तर की गिरावट के कारण लोगों को पीने के पानी के साथ – साथ निस्तार एवं खेतो में सिंचाई करने में समस्या का सामना करना न पड़े। पर्याप्त पानी न मिलने से ग्रामीणों को पीने के पानी से लेकर वन्य जीव , पालतू जानवर और कृषि संबंधी कार्यों में गर्मी के समय पानी की कमी का दंश झेलना न पड़े। समस्या को दृष्टि गत रखते हुए केंद्र सरकार के द्वारा अमृत सरोवर योजना के माध्यम से देश भर के जिले में बडे पैमाने में तालाब का निर्माण कराया जा रहा है इसी तरह डिडौरी जिले के समस्त ग्राम पंचायत में अमृत सरोवर योजना के तहत पानी रोकने के लिए तालाब का निर्माण कराया गया है। लेकिन विभागीय अधिकारियों की लापरवाही कहे या उनकी मिलीभगत , तय मापदंडों को दरकिनार करते हुए तालाब निर्माण गुणवत्ताहीन तरीके से कराया जा रहा है जिनकी पोल गर्मी की दस्तक होने से पहले ही खुलती नज़र आ रही हैं । बता दे कि ऐसा ही ताजा मामला डिंडौरी जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत देवरा का सामने आया है। जहां पर जल संग्रह करने के उद्देश्य से बिही नाला में 59.80 लाख रू. की लागत से अमृत सरोवर योजना के तहत तालाब निर्माण तो कराया दिया गया है। पर उक्त तालाब से पानी की लगातार रिसाव हो रहा है। जिसे देखकर लगता है कि तालाब निर्माण कराने की शासन मंशा पूरी नहीं हो पाएगी और गर्मी से पहले तालाब सूख जाएगा।
निर्माण सामग्री के नाम पर लाखों रू. का कर दिया गया भुगतान
डिंडौरी जनपद के ग्राम पंचायत देवरा में अमृत सरोवर योजना से बने तालाब निर्माण के लिए लाखों रू. की निर्माण सामग्री के नाम से एक ही फर्म को भुगतान कर दिया गया हैं। जब कि,कलेक्टर का निर्देश है कि एक ही फर्म से मटेरियल खरीदी नहीं की जाएगी। बावजूद इसके जिमेमदारों के द्वारा डीएम के निर्देशों को नजर अंदाज करते हुए एक ही फर्म को लाखों रू. का भुगतान किया जा गया है। मनीष कंट्रक्शन एंड ट्रेडर्स को मनमानी तरीके से भुगतान किया गया है।
रेत खरीदी के लिए 396000 रू. का भुगतान, 20 m.m गिट्टी खरीदी के लिए 145246 रू. का भुगतान, 40m.m गिट्टी खरीदी के लिए 330420 रू का भुगतान, और सीमेंट खरीदी के लिए 281830 रू. का भुगतान किया गया। लाखों रू. के निर्माण सामग्री खरीदी करने के बाद भी वेस्टवियर निर्माण कार्य अधूरा पडा हुआ हैं।
अब सवाल ये उठता है कि 1153496 रू. के निर्माण सामग्री खर्च करने के बावजूद अधूरा वेस्ट वियर निर्माण अधूरा आखिर क्यों ? अखिर लाखों रू. के निर्माण सामग्री कहां गई।
वहीं जब संबंधित उपयंत्री गिरवर डहेरिया से खरीदी किये गए निर्माण सामग्री के संबंध में जानकारी चाही गई तो उपयंत्री महोदय के द्वारा जानकारी में बताया गया कि निर्माण सामग्री की चोरी हो गई है उंहोने बतालाया कि दो डंपर रेत, एक डंपर गिट्टी और 40 से 45 बोरी सीमेंट की चोरी हो गई।
और जब उपयंत्री साहब से निर्माण सामग्री चोरी की शिकायत तो जरूर आपके द्वारा थाने में दर्ज कराई गई होगी, यकीन मानिए आप भी उपयंत्री साहब गिरवर डेहरिया जी कि जबाब सुनकर दंग रह जाएगें, साहब मुस्काते हुए कहा कि शिकायत किसके ऊपर करें सब अपने ही लोग है।
और जब उपयंत्री साहब से यह जानना चाहा गया कि निर्माण सामग्री चोरी होने से सरकार को लाखों रू. का नुकसान हो गया निर्माणाधीन साइड में चौकीदार रखकर निर्माण सामग्री की चोरी को रोका जा सकता था लेकिन आपने चौकीदार क्यों नहीं रखा, जबाब सुनकर एक बार फिर चौक जाएगें, उपयंत्री साहब ने कहा चौकीदार को मजदूरी कौन अपने जेब से मजदूरी देगा। उपयंत्री साहब गिरवर डेहरिया का जबाब सुनकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार की लाखों रू. किस तरह बंदरबाट किया जा रहा है। उपयंत्री साहब की मंशा साफ है कि सिर्फ अपनी जेब भरनी हैं। सरकार की मंशा के विपरीत कार्य कर रहे उपयंत्री महोदय पर अब तक कोई करवाई नहीं होने r साहब के हौंसले बुलंदियां छूने लगी है।
उपयंत्री ने सरपंच पर निर्माण सामग्री चोरी के लगाए आरोप
गौरतलब यह कि उपयंत्री ने अमृत सरोवर योजना अंतर्गत तालाब निर्माण सामग्री की चोरी करने का आरोप ग्राम पंचायत सरपंच पर लगाए हैं। निर्माण सामग्री की चोरी किसने की यह तो निष्पक्ष जांच से पता चल ही जाएगा कि सरपंच ने चोरी की है या फिर उपयंत्री द्वारा कोई गडबड तो नहीं किया गया। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पिछले कुछ महीनों या कहें एक साल से लगातार उपयंत्री साहब के द्वारा स्वयं के लिए आलिशान महल का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। कहीं चोरी की निर्माण सामग्री से आलिशान महल का निर्माण तो नहीं किया गया, खैर यह जांच का विषय है। अब देखना यह होगा कि विभाग के जिम्मेदारों के उक्त मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगा या जांच के नाम पर बस खानापूर्ति की जाएगी है।
उपयंत्री के विरूध्द कड़ी कार्रवाई की दरकार
जिस तरह अमृत सरोवर योजना के तहत कराये जा रहे तालाब निर्माण कार्य में लगातार अनिमित्ताएं सामने आ रहीं है। इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि संबंधित उपयंत्री के द्वारा उक्त तालाब का गुणवत्तापूर्ण निर्माण नहीं कराया गया है ।जबकि उपयंत्री एवं सहायक यंत्री को निर्माण कार्य की लगातार निरीक्षण करते हुए गुणवत्तापूर्ण कार्य करने के निर्देश दिए गए है। किंतु मापदंड को दरकिनार करते हुए स्वयं को आर्थिक लाभ पहुंचने गुणवत्ताविहीन निर्माण कराया जाना प्रतीत होता है। वहीं जिन अधिकारियों को भ्रष्टाचार रोकने का जबाबदारी दी गई है वह भी पैसों के चमक के आगे नतमस्तक हो चुके हैं। जिसे देखकर लगता है कि जिम्मेदारों के द्वारा भ्रष्टाचार कर राशि गबन करने की आजादी दे दी गई है।
इनका कहना है
मामले की जानकारी आपके माध्यम से मिली है, निर्माण सामग्री चोरी हुई है हमें इसकी कोई जानकारी नहीं है। आर.ई.एस. विभाग के कार्यपालन यंत्री को बोलती हूं उक्त मामले की जांच की जाएगी।
विमलेश सिंह,जिला पंचायत
सीईओ डिंडौरी
ग्राम पंचायत के द्वारा अमृत सरोवर निर्माण स्थल से कोई सामग्री नहीं लाया गया गया है। हमें मैटेरियल चोरी की कोई जानकारी नहीं है।
साजन दास बिसेन
सचिव ग्राम पंचायत देवरा,जनपद पंचायत डिंडौरी