
विधान सभा दावेदार नेताओ के द्वारा किया जा रहा है राजनैतिक षड्यंत्र
- डिंडौरी(संतोष सिंह राठौर) विधायक ओमकार सिं
ह मरकाम को कांग्रेस का केंद्रीय चुनाव समिति का सदस्य जब से बनाया गया है, तभी से विपक्षी दल उन्हें बदनाम करने में लगे हुए है। आदिवासी की जमीन धोखाधड़ी से जुड़ा मामला इसी को लेकर देखा जा रहा है। रविवार को अपने आवास में पत्रकार वार्ता के दौरान विधायक के द्वारा उन पर दिव्यांग महिला से धोखा धडी के लगाए गए आरोपो को पूरी तरह से निराधार और झूठा बताया गया। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव नजदीक है इसी का फायदा उठाकर विपक्षी दल एवं विधान सभा प्रत्यासी के दावेदार षड्यंत्र करके मुझे बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं। विधायक द्वारा शिकायतकर्ता का शपथ पत्र भी सार्वजनिक किया गया। विधायक ने कहा गरीब को कुछ लोग राजनीति का मोहरा बना रहे हैं जिस प्रकार से ओंकार सिंह मरकाम जी की लोकप्रियता जिले में बढ़ती जा रही है उसको देखते हुए लगातार विपक्ष के लोग षड्यंत्र कर विभिन्न प्रकार की ओछी मानसिकता को लेकर राजनीति करने का प्रयास कर रहे हैं विधायक ने बताया कि डिंडौरी की पावन धरती का मैं जितना सम्मान करता हूं अभिमान करता हूं वह मेरे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है मैं सदैव गरीब पिछड़ी जरूरतमंद लोगों की हर समय हर संभव सहायता करने का प्रयास किया है मैंने मंत्री रहते हुए मदद योजना कर लाखों परिवारों को उसे योजना का लाभ दिलाने का काम भी किया था मेरे द्वारा कभी भी ना तो जनमानस ना ही मेरी भोली भाली आदिवासी जनता और हमारे बीच में रहने वाले व्यापारी वर्ग सामान्य जनमानस कभी भी मेरे द्वारा किसी के भी साथ छलावा नहीं किया गया है और ना ही यह मेरा स्वभाव है मुझे मेरे इसी स्वभाव की वजह से डिंडौरी की जनता ने लगातार विगत तीन पंचवर्षीय चुनाव में भारी जन समर्थन देते हुए अपना आशीर्वाद प्रदान किया है 25सितम्बर को हुई जन आक्रोश रैली में जो भारी जनसमूह डिंडौरी में देखने को मिला उससे विपक्ष के लोगो में खलबली मच गई है 15 से 20 हजार की तादाद में जनता ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी जिससे पूरे जिले सहित प्रदेश में हलचल मच गई थी मैंने तो उसकी हालत देखकर जमीन की दोगुनी कीमत दिलवाई थी। गौरतलब है कि बिलगांव निवासी बोलने और सुनने में असमर्थ लालवती मार्को ने अपने पति दिव्यांग श्याम सिंह के साथ कोतवाली पहुंच गत दिनों जमीन की धोखाधडी को लेकर शिकायत दर्ज कराई थी। मामला पुलिस तक पहुंचने के बाद से ही यह जिले के साथ प्रदेश स्तर पर चर्चा का विषय बना हुआ है। विधायक द्वारा अपने आवास में पत्रकारवार्ता के दौरान इसी मामले से जुडे सवालों का जबाव भी दिया गया। विधायक से जब पूछा गया कि दिव्यांग की जमीन खरीदी में नियमों का पालन किया गया है कि नहीं। उन्होंने बताया कि उस दौरान उन्होंने तत्कालीन कलेक्टर से भी चर्चा की थी।