12 लाख की लागत से अहीर तालाब के पास पुलिया का किया गया निर्माण
तीन रो की जगह बना दी, दो रो की पुलिया फिर भी बिल लग रहा पूरा

उपयंत्री एवं उनके चहेते ठेकेदार की मिली भगत का सामने आया नया नमूना
जनपद पंचायत डिंडौरी अंतर्गत ग्राम पंचायत मडियारास का मामला
डिंडौरी (संतोष सिंह राठौर)जनपद डिंडौरी के ग्राम पंचायत मडियारास में उपयंत्री एवं ठेकेदार की मिली भगत का नया नमूना सामने आया है जहां उपयंत्री महोदय का उनके चहेते ठेकेदार पर इतनी मेहरबानी हो गई ,कि जहां एक रो की पुलिया की आवश्यकता थी वहां तीन रो की पुलिया जिसकी लागत लगभग 12 लाख का सैंगशन कर दिया गया पर निर्माण के दौरान दो रो की ही पुलिया बना दिया गया, पर अब समझने की बात यह है कि आखिर उपयंत्री महोदय ठेकेदार पर इतनी मेहरबान हो गए ,कि उनको ना ही शासन प्रशासन का डर रहा और ना ही अपने उच्च अधिकारियों का खौफ , तभी तो तीन रो की पुलिया के सैंक्शन के हिसाब से लगभग 12 लाख रुपए भुगतान किए जाने का बिल तैयार कर भुगतान की तैयारी कर ली गई
12लाख की लागत से निर्मित पुलिया शो पीस हो रहा साबित
ग्राम पंचायत मडियारास में 12 लाख की लागत से पुलिया का निर्माण तो कर दिया गया पर पुलिया का निर्माण कार्य जिस उद्देश्य से कराया जाता है की नाला में पानी एकत्रित न हो और पाइप से होकर पानी का आगमन होता रहे पर यहां उससे हटकर देखा जा सकता है कि पाइप के दोनों सिरे में पानी चहल कदमी करते हुए नजर आते हैं इससे स्पष्ट होता है कि 12 लाख की लागत से निर्मित पुलिया शोपीस साबित हो रहा है
12 लाख की लागत से निर्मित पुलिया अपने निर्माण के उद्देश्य से कोसों दूर
ग्राम पंचायत मडियारास में अहीर तालाब के पास 12 लाख की लागत से पुलिया का निर्माण तो कर दिया गया पर उक्त पुलिया का निर्माण जिस उद्देश्य से कराया गया है या पुलिया का निर्माण जिस उपयोगिता के लिए कराया जाता है उक्त पुलिया अपने निर्माण के उद्देश्य से कोसों दूर नजर आ रही है, यह हम नहीं मौके पर निर्मित पुलिया एवं पाइप के दोनों और लहर खा रहे पानी एवं पुलिया के सामने तालाब आकार में जमा पानी स्वता ही अपनी कहानी बयां करते नजर आ रहे हैं जिसे मौके पर जाकर स्पष्ट तौर पर देखा जा सकता है
तीन रो की जगह बना दी दो रो की पुलिया फिर भी बिल लग रहा पूरा
विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार ग्राम पंचायत मडियारास में 12 लाख की लागत से पुलिया का निर्माण कार्य तो करा दिया गया है पर गौर करने वाली बात यह है कि उपयंत्री महोदय के द्वारा अहीर तालाब के पास तीन रोग की पुलिया का सैंक्शन किया गया था जिसकी लागत 12 लाख रुपए अपने एस्टीमेट के आधार पर निर्धारित किया गया था पर मौके पर दोनों दो रो की ही पुलिया का निर्माण किया गया हैअब सवाल यह उठता है कि जब तीन रो की पुलिया जिसकी लागत 12 लाख उपयंत्री महोदय के द्वारा अपने एस्टीमेट के आधार पर निर्धारित किया गया था पर अब जब मौके पर दो रो की पुलिया का ही निर्माण कराया गया है तो फिर 12 लाख रुपए का भुगतान कराए जाने की तैयारी समझ से परे है क्या उपयंत्री महोदय अपने ही एस्टीमेट को भूल गए हैं या फिर वे, ठेकेदार पर इतनी मेहरबान हो गए हैं कि अब उनको ना ही प्रशासन का डर रहा और ना ही शासन का ।
रेत की जगह टेस्ट का किया गया उपयोग
ग्रामीणों के द्वारा जानकारी में बताया गया है कि पुलिया के निर्माण कार्य में रेत की जगह पूर्णता टेस्ट का उपयोग किया गया है जिसे भी फोटो एवं वीडियो के माध्यम से स्पष्ट तौर पर देखा जा सकता है वही जब इस मामले को लेकर उपयंत्री महोदय संदीप शुक्ला से बात की गई तो उनके द्वारा रेत की जगह डस्ट का उपयोग किया जाना ठीक बताया गया है
तीन रो की एस्टीमेट के आधार पर कर दी गई लेबर का भुगतान
ग्राम पंचायत माडियारास में एक के बाद एक बड़े-बड़े कारनामे देखे जा सकते हैं अगर गंभीरता से इन मामलों की जांच की जाए तो बड़े-बड़े खुलासे हो सकते हैं जैसा की हाल ही में अहीर तालाब के पास पुलिया निर्माण में देखने में आ रहा है जहां पर उपयंत्री महोदय के द्वारा तीन रो की पुलिया के हिसाब से लेबर पेमेंट निर्धारित किया गया था जिसमें दो रो की पुलिया का ही निर्माण कराया गया है बावजूद इसके जितने मानव दिवस तीन रो पर निर्धारित किया गया था और जितनी राशि का भुगतान किया जाना था उतना ही मानव दिवस एवं उतना ही भुगतान दो रो की पुलिया में कर दिया गया ,अऊयह विचारणीय बात है की आखिर यहां के पंचायत कर्मियों को इतना भी डर नहीं है कि कितने दिन कार्य कराया गया है और कितने मजदूरों ने काम किया है और कितना भुगतान किया जाना चाहिए,इससे स्पष्ट होता है कि मस्टरोल में हाजरी फर्जी तरीके से डालकर मूल्यांकन कर भुगतान करा दिया गया है, और हो भी क्यों ना ग्राम रोजगार सहायक के द्वारा पूर्व में भी कुछ ऐसे व्यक्तियों के नाम मस्टरोल जारी कर उनकी फर्जी तरीके से हाजरी भर कर शासन की राशि का दुरूपयोग किया गया था,जो कार्य दिनांक को गांव में ही नहीं थे या कार्य करने लायक ही नहीं थे जिस मामले को भी राष्ट्रीय हिंदी मेल के द्वारा उठाया गया था पर उक्त मामले पर कोई कार्रवाई ना किया जाना ही उनके हौसले बुलंद किए हुए हैं।
नोट -:
जानकारी के लिए निखलेश कटारे सी ई ओ जनपद पंचायत डिंडौरी को फोन लगाया गया लेकिन उनके द्वारा फोन ही नहीं उठाया गया
इनका कहना है
तीन रो का बनना था दो रो का मौके पर बनाया गया है उसके बदले उंचाई बढ़ा दी गई है और निर्धारण से अधिक वाल का निर्माण करा दिया गया है
संदीप शुक्ला
उपयंत्री जनपद पंचायत डिंडौरी