शासकीय स्नातक महाविद्यालय शहपुरा में दी गई जैविक खेती की जानकारी


जैविक कृषि विशेषज्ञ बिहारीलाल साहू ने बताया जीवामृत तैयार करने का तरीका
डिंड़ौरी /शहपुरा:- जिला डिण्डोरी के किसान बंधुओ को जैविक खेती करने का तरीका व प्रायोगिक जानकारी जैविक कृषि विशेषज्ञ बिहारी लाल साहू लगातार कृषकों को दे रहे है ।
इसी क्रम में शासकीय स्नातक महाविद्यालय शहपुरा के 35 छात्र छात्राओं को जीवामृत बनाने का दिया गया जानकारी।
जीवामृत
निर्माण सामग्री (एक एकड़ हेतु)
10 किलोग्राम देशी गाय का गोबर
5 से 10 लीटर गोमूत्र
2 किलोग्राम गुड या फलों के गुदों की चटनी
2 किलोग्राम बेसन (चना, उड़द, मूंग)
200 लीटर पानी
50 ग्राम मिट्टी
बनाने की विधि
सर्वप्रथम कोई प्लास्टिक की टंकी या सीमेंट की टंकी लें फिर उस पर 200 ली। पानी डाले। पानी में 10 किलोग्राम गाय का गोबर व 5 से 10 लीटर गोमूत्र एवं 2 किलोग्राम गुड़ या फलों के गुदों की चटनी मिलाएं। इसके बाद 2 किलोग्राम बेसन, 50 ग्राम मेड़ की मिट्टी या जंगल की मिट्टी डालें और सभी को डंडे से मिलाएं। इसके बाद टंकी को जालीदार कपड़े से बंद कर दे। सुबह शाम डंडे से घोल को हिलाएं। 48 घंटे बाद जीवामृत तैयार हो जाएगा।
इस जीवामृत का प्रयोग केवल सात दिनों तक कर सकते हैं। प्लास्टिक व सीमेंट की टंकी को छाए में रखे जहां पर धूप न लगे। गोमूत्र को धातु बर्तन में न रखें। छाए में रखा हुआ गोबर का ही प्रयोग करें।
उपयोग
प्रति एकड 200 लीटर तैयार जीवामृत सिंचाई के बहते पानी पर बून्द बून्द टपका कर दें। फसलों और पौधों पर जीवामृत का छिडकाव कर दें। छिडकाव करने से उनको उचित पोषण मिलता है और दाने/फल स्वस्थ होते हैं।
आज के कार्यक्रम में आई क्यू ए सी प्रभारी एस बी उरैती,विद्यार्थी जितेन्द्र कुमार,प्रमिला,आशीष,यशवंत, रणविजय,चन्द्र किशोर,यशोदा,सेमलता,भारती,सिमी,नेहा,नीलेश्वरी, सीता,प्रियंका,लक्ष्मी,कृष्णा,जयंती, खुशी,अर्चना,रजनी,मोनू,दशरथ, विवेक,साधना,शिवानी,कंचन, राजा,सुषमा आदि लोग उपस्थित रहे।