महाविद्यालय में मनाया गया राष्ट्रीय विज्ञान दिवस
विद्यार्थियों ने किया मॉडलो प्रदर्शन

वैश्विक भलाई के लिए वैश्विक विज्ञान की थीम पर हुआ आयोजन
डिंडौरी – राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर मेकलसुता महाविद्यालय,शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, महाकौशल विज्ञान परिषद के संयुक्त तत्वधान में विज्ञान मॉडल प्रदर्शनी का आयोजन विज्ञान विभाग द्वारा प्राचार्य डॉ बीएल द्विवेदी, रजिस्ट्रार डॉ प्रदीप द्विवेदी एवं उप प्राचार्य डॉ बालस्वरूप द्विवेदी के मार्गदर्शन में किया गया जिसमें छात्र-छात्राओं द्वारा विभिन्न मॉडल एवं पोस्टर तैयार किए गए। संयुक्त माइक्रोस्कोप, इनफ्लुएंजा वायरस, पौधों में प्रजनन , डीएनए के विभिन्न प्रकार, कंप्यूटर के विभिन्न अंग, पाचन तंत्र, उत्सर्जन तंत्र, परिसंचरण तंत्र, पादप कोशिका एवं जंतु कोशिका जैसे अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर मॉडल तैयार किए एवं उनके बारे में समझाया जिसमें प्रथम स्थान बीएससी प्रथम वर्ष की पुष्पलता नागेश एवं फिजा खान ने, द्वितीय स्थान बीएससी द्वितीय वर्ष के छात्र रमेश मरावी एवं तृतीय स्थान बीएससी तृतीय वर्ष का ग्रुप अपूर्वा, श्रद्धा, सुनीता ने प्राप्त किया। विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो विकास जैन ने बताया कि इस वर्ष राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की थीम वैश्विक भलाई के लिए वैश्विक विज्ञान है। विज्ञान दिवस भौतिकी की सबसे महत्वपूर्ण खोजों में से एक रमन इफेक्ट को चिन्हित करने के लिए इस दिन को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है जिसे भारत और दुनिया के सबसे महान भौतिक वेद सर सी वी रमन द्वारा खोजा गया था प्राचार्य डॉ द्विवेदी ने कहा कि राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाने का उद्देश्य विज्ञान से होने वाले लाभों के प्रति समाज में जागरूकता लाना और वैज्ञानिक सोच पैदा करना तथा राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से छात्र-छात्राओं व युवाओं को अवगत कराना है मानव कल्याण के लिए किए जा रहे कार्यों और उपलब्धियों को भारतीय नागरिकों में वैज्ञानिक एवं तकनीकी आधारित समाधान खोजने को विकसित करने वाले प्रयासों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से भी विज्ञान दिवस को मनाया जाता है। प्रो निरंजन पटेल ने कहा कि इस दिन को मनाने के लिए कई वैज्ञानिक केंद्र संस्थान वैज्ञानिक व्याख्यान आदि आयोजित किए जाते हैं निश्चय ही मेकलसूता महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने भी बढ़-चढ़कर मॉडल बनाने में सराहनीय प्रयास किया है सभी बधाई के पात्र हैं इसी तरह हमें नवाचार को बढ़ावा देना है और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से नई-नई खोजें के साथ विज्ञान को वैश्विक रूप देना है कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रो ज्योति द्विवेदी, प्रो अर्चना अवधिया, प्रो स्वर्ण तिवारी, प्रो सुभाष शाह, मंजू नागेश, प्रो मनीष ठाकुर का विशेष योगदान रहा।