
आरटीआई एवं नकल की प्रक्रिया भी नहीं सक्षम जिला पंचायत न्यायालय से प्रतिवेदन की छाया प्रति दिलाने में
जनपद पंचायत डिंडौरी अंतर्गत ग्राम पंचायत मडियारास का मामला
डिंडौरी (संतोष सिंह राठौर ) जनपद पंचायत डिंडौरी के ग्राम पंचायत मडियारास में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर ग्रामीणों ने जनपद पंचायत जिला पंचायत एवं कलेक्टर कार्यालय में लगातार शिकायत पत्र देकर ग्राम पंचायत में व्याप्त भ्रष्टाचार की जांच कर कार्यवाही की जाने की मांग की थी जिस पर ग्रामीण जनों पर एहसान करते हुए जिला पंचायत सीईओ के द्वारा जांच टीम तो गठित की गई और मौके पर जाकर जांच भी की गई पर जांच अधिकारियों के द्वारा जो जांच प्रतिवेदन दिए गए उसके बारे में ग्रामीणों को आज तक नहीं जानकारी दी गई और ना ही कोई कार्यवाही हुई यहां तक की अनिल कुमार राठौर सीईओ जिला पंचायत के द्वारा महज 215/ रुपए की रिकवरी पर सुनवाई के लिए मामला जिला पंचायत न्यायालय में रखते हुए ना ही आरटीआई के माध्यम से जानकारी दी जा रही है और ना ही नकल निकाले जाने की प्रक्रिया से जबकि मामले को लगभग 8 से 10 महीने हो चुके हैं पर ना ही मामले पर सुनवाई हो पा रही है और ना ही 215/ रुपए की रिकवरी वसूली की जा रही है अब आप इससे स्वयं ही अंदाजा लगा सकते हैं कि जिले भर में योजना संचालन की जिम्मेदारी जिन अधिकारी को है वो अपने कर्तव्य के प्रति कितने लगनशील हैं जब जिले में ऐसे अधिकारी हो तो जिले के विकास की कल्पना करना अंधे को आईना दिखाने के समान है यह हम नहीं जिले की जनता कह रही है जिसे इस सत्र का लगभग 5 माह बीतने के बाद भी रोजगार के अवसर नहीं मिले और ना ही मटेरियल मटेरियल सप्लायरों को उनकी राशि का भुगतान हो पाया है
ग्राम पंचायत मडिया रस में व्याप्त भ्रष्टाचार पर कब होगी कार्यवाही
जिले की लचर प्रशासनिक व्यवस्था से त्रस्त मडियारास के ग्रामीणों को भरोसा ही नहीं रहा की आखिर ग्राम पंचायत मडियारास में व्याप्त भ्रष्टाचार की जांच होनी भी या नहीं कहीं जांच होते-होते अगली पंचवर्षीय ना आ जाए।
आखिर क्यों नहीं मिल पा रहा जाँच प्रतिवेदन
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ग्राम पंचायत मडियारास के ग्रामीणों का कहना है कि जांच प्रतिवेदन जमा हुए लगभग 8 से 10 महीने हो चुके हैं पर आज तक जांच प्रतिवेदन नहीं मिल पा रहा है जांच प्रतिवेदन के बारे में जानकारी लेने पर 215 रुपए की रिकवरी का प्रकरण जिला पंचायत न्यायालय में दर्ज होने का हवाला देते हुए ना ही लोक
सूचना अधिकार के तहत जानकारी दी जाती है और ना ही नकल लेने की प्रक्रिया के माध्यम से जबकि माननीय सत्र न्यायालय एवं माननीय उच्चतम न्यायालय में भी नकल निकाले जाने की प्रक्रिया से नकल प्राप्त की जा सकती है अब आप ही समझ सकते हैं की क्या उच्च न्यायालय से भी बढ़कर है जिला पंचायत का न्यायालय।
इनका कहना है
ग्राम पंचायत मडियारास में व्याप्त भ्रष्टाचार की जांच का जांच प्रतिवेदन पाने मेरे द्वारा आरटीआई लगाई गई जिसका अपील भी हो चुका है बावजूद इसके अब तक मुझे जांच प्रतिवेदन की प्रति प्राप्त नहीं हो सका वही मेरे द्वारा न्यायालय की नकल प्राप्ति हेतु नकल निकाले जाने की प्रक्रिया से भी जांच प्रतिवेदन की नकल निकाले जाने हेतु आवेदन किया गया पर सी ई ओ जिला पंचायत के स्टेनो के द्वारा मामले का प्रकरण क्रमांक ही नहीं बताया गया उनके द्वारा स्पष्ट तौर पर मना ही कर दिया गया कि न्यायालय में मामला चल रहा है तो प्रकरण क्रमांक नहीं मिल सकता इस तरह से जांच प्रतिवेदन के लिए लगातार गुमराह किया जा रहा है
मनोज कुमार दुर्वासा
ग्रामीण ग्राम पंचायत मडियारास
हमारे यहां के ग्रामीण जनों के द्वारा ग्राम पंचायत मडियारास में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर अनेक बार जनपद पंचायत से लेकर जिला पंचायत एवं कलेक्टर महोदय से भी शिकायत की गई बा मुश्किल टीम गठित की गई और जाँच टीम गांव में भी आई पर आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई जिससे हम ग्रामीण जनों में घोर निराशा है।
शानित सिंह राजपूत
ग्रामीण ग्राम पंचायत मडियारास