
डिडौरी जिला के जनपद समनापुर अंतर्गत ग्राम पंचायत कुकर्रामठ का मामला
डिडौरी (संतोष सिंह राठौर )वैसे तो डिड़ौरी जिला एक से बढ़ कर एक कारनामें के लिए पूरे प्रदेश भर में मशहूर है,फिर चाहे भ्रष्टाचार के मामले हो या फिर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराए जाने के मामले हों या फिर उच्च शिक्षा उपलब्ध कराए जाने के मामले हो। जिस तरह से अगर जिलेवासियों को बेहतर ईलाज कराना हो तो प्रदेश के अन्य जिलों की ओर रुख करना होता है, और अगर जिले के विद्यार्थियों को अगर उच्च शिक्षा पाना है तो भी अन्य जिले के ओर ही रुख करना पड़ता है अब डिंडौरी जिले के इन उपलब्धि के लिए तो मशहूर होना लाजमी है और इन सब से बढ़ कर एक और कारनामा जिला डिंडौरी के जनपद पंचायत समनापुर अंतर्गत ग्राम पंचायत कुकर्रामठ का सामने आया है जहाँ वर्त्तमान में जो महिला सरपंच है वो ग्राम पंचायत बुदरूखी की मूल निवासी है इतना ही नहीं उसे आज भी ग्राम बुडरूखी की नागरिकता प्राप्त है अब सवाल यह उठता है की जब वह आज भी ग्राम बुडरूखी का नागरिक है तो ग्राम पंचायत कुकर्रामठ में सरपंच कैसे बन गई, ये हम नहीं कह रहे बल्कि वहां के बोटर लिस्ट एवं समग्रआईडी कह रहे है, ऐसा नहीं है कि इस मामले को प्रशासन के संज्ञान में नहीं लाया गया पर यहाँ के जिम्मेदार अधिकारियो के लिए आम बात है, उनके लिए ये बहुत बड़ी बात नहीं है क्यों कि जिस जिले में स्वयं को जिन्दा साबित करने की लडाई व्यक्ति को स्वयं लडनी पड जाए वहां कुछ भी असंभव नहीं है।
आखिर क्या है मामला
दरअसल हुआ यह है कि, विगत पंचवर्षी वर्तमान महिला सरपंच कुकर्रामठ के पति संजय धुर्वे बुडरूखी सरपंच था उस समय तक महिला सरपंच भी केवल ग्राम बुडरूखी का ही नागरिक थी, पर जैसे ही पुनः ग्राम पंचायत चुनाव हुआ तो महिला सरपंच ग्राम कुकर्रामठ का भी नागरिक हो जाती है और उनका बोटर आईडी बन जाता है और बोटरलिस्ट में भी नाम जुड़ जाता है इस तरह से उक्त महिला सरपंच को दो ग्राम पंचायतों की नागरिकता प्राप्त हो जाती है इतना ही नहीं वो सरपंच पद की दावेदारी करते हुए चुनाव जीत जाती है और वर्त्तमान में कुकर्रामठ सरपंच भी है अब आप ही बताएं की क्या ऐसा भी संभव है
जिम्मेदार अधिकारी आखिर क्यों नहीं ले रहे इस मामले पर संज्ञान
अब सवाल यह उठता है की जब इस मामले की जानकारी प्रशासनिक अधिकारियों को है तों इस मामले पर संज्ञान क्यों नहीं ले रहे है क्या ऐसे मामले होने चाहिए, क्या इन मामलों पर प्रशासन की मौन सहमति है।
अब देखना यह है की शासन एवं प्रशासन इस मामले पर संज्ञान लेती है या नहीं, इस मामले पर क्या कार्यवाही होगी या यूँ ही मामले को ठन्डे बस्ते में डाल दिया जायेगा।
इनका कहना है
ग्राम पंचायत कुकर्रामठ में किसी दूसरे ग्राम पंचायत का ग्रामीण सरपंच बन गई है ये चुनाव जीतने के बाद पता चला पर जब जनता ने जिताया है हम भी कुछ नहीं बोल पाए।
सीताराम राठौर
उपसरपंच ग्राम पंचायत कुकर्रामठ
हमारे ग्राम पंचायत बुडरूखी में उनके पति संजय धुर्वे पिछले पंचवर्षी में सरपंच रहे और आज भी उनका पूरा परिवार हमारे ही ग्राम पंचायत में दर्ज है क्यों की वो कई वर्षों से ग्राम पंचायत बुडरूखी के निवासी है रही बात कुकर्रामठ सरपंच बनने की बात तो ये होना तो नहीं चाहिए पर ये कैसे हुआ इसकी हमें कोई जानकारी नहीं है
त्रिलोक मौहरी
सचिव ग्राम पंचायत बुडरूखी
नोट -:उक्त सम्बन्ध में जिम्मेदार अधिकारी जिला निर्वाचन अधिकारी माननीय कलेक्टर महोदय जी एवं तहसीलदार महोदय जी से संपर्क स्थापित करने का प्रयास किया गया जिसमे कलेक्टर महोदय जी से संपर्क स्थापित नहीं हो सका वहीं तहशीलदार डिंडोरी के द्वारा जवाब देना उचित नहीं समझा गया।